

दिल्ली में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला दिलचस्प होने वाला है. केजरीवाल के सामने अपनी सरकार फिर से बनवाने की चुनौती है तो वहीं बीजेपी 1998 से सत्ता से दूर होने का मलाल खत्म करना चाहती है. इसी बीच दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की सरकार के बाद कांग्रेस भी सत्ता सुख अपने दम पर नहीं ले सकी. यानी कहीं सत्ता बचाने की चुनौती है तो कहीं सत्ता में आने की बेचैनी है. ऐसे में बयानबाजी का दौर जारी है.